महर्षि दयानन्द महान् राष्ट्रनायक और क्रान्तिकारी महापुरुष थे। उन्होंने देश में धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक क्षेत्र में जो काम किया वह अभूतपूर्व है। उन्होंने जो काम पकड़ा उसे पूरी तरह से निभाया। उन्होंने हिन्दूधर्म का कल्याण किया। उन्होंने ऐसे समय में देश का नेतृत्व किया, जब बुराइयों की ओर संकेत करना भी कठिन काम था। उन्होंने हिन्दी के राष्ट्रभाषा होने का घोषनाद किया और छूतछात तथा जात-पाँत के विरुद्ध आन्दोलन छेड़ा। स्वराज्य और स्वदेशी की उन्होंने ऐसी लहर चलाई जिससे इण्डियन नेशनल काँग्रेस के निर्माण की पृष्ठभूमि तैयार हो गई।