इक्कीसवीं सदी में आज जब विश्व अनेक विवादों में फंसा है। हिंसा और अस्थिरता में घिरा हुआ है तब महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का दिखाया मार्ग करोड़ों लोगों में आशा का संचार करता है। अनगिनत महापुरुष लोकमान्य तिलक, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, वीर सावरकर, लाला लाजपतराय, लाला हरदयाल, श्यामजी कृष्ण वर्मा, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल लाखों-लाख स्वातन्त्र्य सेनानी और क्रान्तिकारी महर्षि जी से प्रेरित थे।