४५ “सब मनुष्यों को उचित है कि सब के मतविषयक पुस्तकों को समझ कर कुछ सम्मति वा असम्मति देवें वा लिखें नहीं तो सुना करें।” (सत्यार्थप्रकाश अनुभूमिका समुल्लास 13) By Ajay Shrivas|2023-02-07T18:47:13+05:30February 7th, 2023|Comments Off on ४५ Share This Story, Choose Your Platform! FacebookTwitterRedditLinkedInWhatsAppTumblrPinterestVkXingEmail About the Author: Ajay Shrivas