कोई कहे कि माता पिता के बिना सन्तानोत्पत्ति हुई, किसी ने मृतक जिलाये, पहाड़ उठाये, समुद्र में पत्थर तैराये, चन्द्रमा के टुकड़े किये, परमेश्वर का अवतार हुआ, मनुष्य के सींग देखे और वन्ध्या के पुत्र पुत्री का विवाह किया, इत्यादि सब असम्भव है क्योंकि वह सब बातें सृष्टिक्रम के विरुद्ध हैं।

(सत्यार्थप्रकाश समुल्लास 3)