सन् | स्थान | विवरण |
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1824 | टंकारा | महर्षि दयानंद का जन्म (माता पिता ने मूलशंकर नाम रखा) |
1834 | टंकारा | यज्ञोपवीत संस्कार |
1838 | टंकारा | शिवरात्रि पर चूहों को शिवलिंग पर चढ़ते देख बोध हुआ (बोध दिवस) |
1846 | टंकारा | गृह त्याग |
1846 | सायला | ब्रह्मचर्य दीक्षा (मूलशंकर से शुद्धचैतन्य बने) |
1846 | सिद्धपुर | मेले में पिता से अन्तिम भेंट |
1848 | चाणोद | स्वामी पूर्णानन्द से संन्यास की दीक्षा (शुद्धचैतन्य से स्वामी दयानन्द सरस्वती बने) |
1860 | मथुरा | गुरु विरजानन्द जी से प्रथम भेंट और पठन-पाठन आरम्भ |
1863 | मथुरा | गुरु दक्षिणा देकर गुरु धाम से विदा |
1863 | आगरा | यमुना किनारे विराजे। यहीं पर पहली पुस्तक ‘सन्ध्योपासना’ की रचना की |
1866 | अजमेर | अजमेर नगर में पादरियों से शास्त्रार्थ |
1867 | हरिद्वार | कुम्भ के मेले में भीमगोडा के ऊपर खण्डन पताका की स्थापना |
1868 | कर्णवास | मदान्ध राव कर्णसिंह की तलवार के टुकड़े किये |
1869 | काशी | काशी में वहाँ के पण्डितों से ऐतिहासिक शास्त्रार्थ |
1873 | कलकत्ता | केशवचन्द्रसेन से भेंट |
1875 | मुम्बई | मुम्बई के गिरगांव मुहल्ला में पहली आर्यसमाज की स्थापना |
1875 | पूना | पूना प्रवचन |
1877 | चाँदापुर | मौलवी, पादरी और पण्डितों से एक साथ शास्त्रार्थ |
1877 | लाहौर | आर्य समाज के नियमों को अन्तिम रूप दिया |
1877 | जालन्धर | ब्रह्मचर्य बल से बग्घी रोकी |
1877 | फिरोज़पुर | प्रथम हिन्दू अनाथालय की स्थापना |
1878 | सहारनपुर | कर्नल स्काट और मैडम ब्लैवटस्की से भेंट |
1878 | रेवाड़ी | प्रथम गौशाला की स्थापना |
1879 | बरेली | मुंशीराम (स्वामी श्रद्धानंद) से भेंट |
1881 | अजमेर | पण्डित लेखराम से भेंट |
1882 | उदयपुर | राणा सज्जनसिंह द्वारा एकलिंग महादेव की महन्ती का प्रस्ताव ठुकराया |
1883 | उदयपुर | परोपकारिणी सभा की स्थापना एवं तथा अधिकार पत्र (वसीयत) का लेखन |
1883 | जोधपुर | वेश्या रखने पर राजा यशवन्तसिंह को फटकार |
1883 | जोधपुर | अंतिम विषपान |
1883 | अजमेर | दीपावली के दिन भिनाय कोठी में देहत्याग |
जीवन की प्रमुख घटनाएँginni2023-11-24T15:43:34+05:30