संस्था का नाम स्थान स्थापना तिथि
आर्य समाज बम्बई* काकड़वाड़ी, मुंबई, महाराष्ट्र 10 अप्रैल 1875
आर्य समाज लाहौर^ पंजाब 24 जून 1877
आर्य समाज अमृतसर पंजाब 12 अगस्त 1877
आर्य समाज मुलवाई बुंगा पंजाब 1877
आर्य समाज गुरदासपुर पंजाब 24 अगस्त 1877
आर्य समाज रावलपिंडी^ पंजाब 1877
आर्य अनाथालय फिरोजपुर पंजाब 1877
आर्य समाज झेलम^ पंजाब 1878
आर्य समाज वजी़राबाद^ पंजाब 1878
आर्य समाज गुजरांवाला^ पंजाब 3 मार्च 1878
आर्य समाज मुल्तान^ पंजाब 4 अप्रैल 1878
आर्य समाज रुड़की उत्तराखंड 1878
आर्य समाज मेरठ उत्तर प्रदेश 1878
श्री दयानन्द गौशाला रेवाड़ी 1878
आर्य समाज दानापुर बिहार अप्रैल 1878
आर्य समाज देहली दिल्ली 1 नवम्बर 1878
आर्य समाज फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश 12 जुलाई 1879
आर्य समाज मुरादाबाद उत्तर प्रदेश 20 जुलाई 1879
आर्य समाज शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश 1879
आर्य समाज कानपुर उत्तर प्रदेश 1879
वैदिक यंत्रालय# लक्ष्मी कुंड, बनारस, उत्तर प्रदेश 12 फरवरी 1880
आर्य समाज बनारस उत्तर प्रदेश 15 अप्रैल 1880
आर्य समाज लखनऊ उत्तर प्रदेश मई 1880
श्रीमती परोपकारिणी सभा# मेरठ, उत्तर प्रदेश 16 अगस्त 1880
आर्य समाज आगरा उत्तर प्रदेश 20 दिसंबर 1880
गौरक्षिणी सभा आगरा उत्तर प्रदेश 1881
आर्य समाज अजमेर राजस्थान 13 फरवरी 1818
आर्य समाज जयपुर राजस्थान मार्च 1818
आर्य समाज जोधपुर राजस्थान 1883
संस्कृत एवं वेद पाठशाला टोकाघाट, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश अज्ञात

यह सूची अपूर्ण है। 30 अक्तूबर 1883 को महर्षि दयानन्द की मृत्यु के एक मास बाद मेरठ के ‘आर्य समाचार’ नामक पत्रिका ने उस समय विद्यमान आर्य समाजों की एक सूची प्रकाशित की थी, जिसमें 79 नगरों के नाम सूचीबद्ध थे। यदि किसी के पास अधिक जानकारी हो तो thearyasamaj@gmail.com पर भेजने का कृपा करें।

* आर्य समाज की स्थापना का प्रथम प्रयास महर्षि दयानन्द ने राजकोट में 16 जनवरी 1875 ईस्वी को किया था, किंतु यह आर्य समाज 6 महीने ही चल कर समाप्त हो गई थी। इसका कारण यह था कि बड़ौदा के महाराजा मल्हार राव गायकवाड को अंग्रेजों ने एक अंग्रेज ऑफिसर को जहर देकर मारने के आरोप में गद्दी से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था। आर्य समाज की स्थापना का द्वितीय प्रयास महर्षि दयानन्द ने अहमदाबाद में 18 मार्च 1875 ईस्वी को किया था, किंतु यह आर्य समाज भी कुछ दिनों में ही समाप्त हो गई। प्रथम दो आर्यसमाजों के बंद हो जाने के कारण आर्य समाज मुंबई को ही प्रथम आर्य समाज माना जाता है।
^ भारत के विभाजन के बाद यह संस्था पाकिस्तान में चली गई।
# वर्तमान में यह संस्था अजमेर में है।