ऋषि दयानन्द जाज्वल्यमान नक्षत्र थे जो भारतीय आकाश पर अपनी अलौकिक आभा से चमके और गहरी निद्रा में सोये हुए भारत को जागृत किया। ‘स्वराज्य’ के वे सर्वप्रथम सन्देशवाहक तथा मानवता के उपासक थे।