महर्षि दयानन्द तपोमूर्त्ति थे। उन्होंने भारत में दिव्य ज्योति प्रकाशित की थी। उन्होंने हिन्दूसमाज को पुनर्जन्म देने के सब प्रयत्न किये थे। वे भारत को स्वतन्त्र और दिव्य देखना चाहते थे। आर्षकाल को पुनः लाने के लिए वे प्रयत्नशील रहे। उन्होंने मृतप्राय हिन्दूजाति में पुनः प्राण संचार किया था। वे हिन्दू संस्कृति की अप्रतिम प्रतिमा तथा भारत माता के अक्षय पात्र थे।