स्वामी दयानन्द के सिद्धान्तों के विषय में कोई मनुष्य कैसी ही सम्मति स्थिर कर ले, परन्तु यह सबको मान लेना पड़ेगा कि स्वामी दयानन्द अपने देश के लिए गौरव रूप थे। दयानन्द को खोकर भारत को महान् हानि उठानी पड़ी है। वे महान् और श्रेष्ठ पुरुष थे।