योगी आया था

योगी आया था वेदों वाला किया उजियाला।
दुनिया में सच्चे ज्ञान का, वो तो देवता था सारे जहान का।।

आदि में थी दया अन्त में आनन्द था नाम भी कितना प्यारा था।
स्वयं जहर पीया अमृत पिला गया कभी न हिम्मत हारा था।
ईश्वर भक्तिकी ही शक्तिइतनी शक्ति रखती।
जगती सारी ने ऋषि पहचाना और वेद ज्ञान माना। कारण स्वाभिमान का।।
वो तो देवता था

आड़ में धर्म की दीन दुखियों पर, जुल्म गुजारे जाते थे।
अनेको द्रौपदी सरीखी सतियों के चीर उतारे जाते थे।
आठ वर्ष की विधवा रोती रो रो आँसू खोती। सोती जाति को आन जगाया और पूज्य बताया।
जो कारण था सम्मान का ||
वो तो देवता था

ज्ञान की बहा के गंगा मिला गया वो अपने जिगर के टुकड़ो को।
मुद्दत से गुलामी थी मिटा गया वो भारत माँ के दुखड़ो को |
योगी आया पाखण्ड ढायालोगो का समझाया।
ए लोगो ज़रा ये सोचो ये कारण है अज्ञान का।।
वो तो देवता था