लड़ने वाले हजारों को बेहाल कर गया
लड़ने वाले हजारों को बेहाल कर गया।
वो ऋषि था अकेला कमाल कर गया।।
चाहता था लाना समय वो पुराना
कि स्वर्ग बनाना ज़माना।
पर अविद्या ने सब को आन धेरा था।
सब दिशाओं में छाया घोर अन्धेरा था।
बन गया शमा उजाला बेमिसाल कर गया।।
वो ऋषि था।
कहीं पे ईसाई कही मिरजाई
कुछ अपने ही भाई कसाई।
सब दुकाने सजाए यहाँ बैठे थे
लूट भारी मचाए यहाँ बैठे थे।
पोप और पंडों की दुकानों पे हड़ताल कर गया।।
वो ऋषि था
ऋषि अलबेला कि हर दुख झेला
विरोधियों में खेला अकेला।
जिसने बाईबिल की सारी पोल खोली थी
और पुराण की भी केसी बीन बोली थी।
पथिक गपोडे पुराणों की पड़ताल कर गया
वो ऋषि था